Tuesday, May 17, 2011

जन्म-भूमि को गाली न दो

दो गाली सबको , लेकिन अपनी जन्म-भूमि को न दो,
अगर दोष होगा , तो हम भूमि भोग्तायों में ही शायद होगा,
अरे उस भारत भूमि में कहाँ दोष , जो पावन सरस भूमि है,
जिसमे जन्मे है देव, ऋषि और महानतम पुरुख निरालें ,
दो गाली सबको , लेकिन अपनी जन्म-भूमि को न दो,
अगर दोष होगा , तो हमारे बोये बीजों में ही शायद होगा,
अरे उस भारत भूमि में कहाँ दोष, जो कण कण उपजाऊ है,
जिसमे बसते है हर वर्ण गुण और आकार के वन और जीव,
दो गाली सबको , लेकिन अपनी जन्म-भूमि को न दो,
अगर दोष है, तो हमारे आज के नेता गण में ही शायद होगा,
अरे उस भारत भूमि में कहाँ दोष , जो निति सिद्धान्तकों भरी हुई है,
जहाँ प्रतिपादित हुए है गौतम, नानक, राम और चाणक्य के निति नियम,
अगर गुलाम आज हम है, तो दोषी स्वयं आज का जन-मानस है,
जो जकड गया है जाने अनजाने , विदेशी आडम्बरों के मकड़ी जाल में,
--------------मन-वकील

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