Tuesday, May 17, 2011

निस्वार्थ प्रेम

क्या होता है सच्चा प्रेम? और क्या है इसकी परिभाषा,
जीवन में कभी दिखा ही नहीं, न ही की कभी इसकी आशा,
संवेंदनायों ने कभी महसूस नहीं किया, कभी इसकी परतों को,
जीवन केवल पाया हमने, केवल व्यापार और सौदों की शर्तों को,
तन की ज्वाला जलती बुझती देखि, और देखि बस वासना,
केवल यौन संबंधों के फलते बीज देखे, और उनके आसना,
सच्चा प्रेम पढते रहें हम, केवल कवितायों और लेखों में ,
परिभाषित करने में रहे असमर्थ, विचरण सा था अनदेखों में,
केवल इक रिश्तें में ही पाया हमने इस सच्चे प्रेम का मूल आधार,
मित्रो सभी रिश्तें मुनाफे के लिए होते, केवल निस्वार्थ माँ का प्यार...
==========मन-वकील

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